Facts About bhoot wala kahani Revealed

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अंत में साधू भूत पर काबू पाने की युक्ति निकाल लेता है और सब गांव वालों से कहता है कि ये भूत केवल रात के अंधेरे में निकलता है, जिसका अर्थ है कि इसे दिन की रोशनी से डर लगता है और रोशनी के सहारे ही भूत से छुटकारा पाया जा सकता है। साधू की बात सुनकर सभी गांव वाले मिलकर एक योजना बनाते हैं।

वहाँ पर राजू ने एक पुरानी बेहद डरावनी कहानी सुनी कि वहाँ कभी बड़ा एक भूत रहता था जो रात के समय बच्चों को डरा देता था। बच्चा ने वही भूत दिखा दिया जो रो रहा था, और सबने देखा कि यह एक खूबसूरत बच्चा था जो कीचड़ में पड़ा हुआ था।

मुझे लगा शायद वह दुकानदार मुझे ही खराब माँस मछली दे रहा है। इसलिए उससे जागड़ा की थी। फिर उसने पूछा था कि मैं कहाँ रहता था। मैंने अपने बिल्डिंग का नाम बताया तो पूछने लगा, " क्या आप ब्रिज से चलते माँस मछली घर ले जाते हैं?

जब वे हवेली के पास पहुंचे, तो उन्होंने सुना कि वही बच्चा फिर से रो रहा था। राजू ने पूछा, “तुम फिर से क्यों रो रहे हो?

भूतिया कहानियां की कड़ी में आज हम आपको भूतों की कहानी में हल जोतने वाले भूत की कहानी सुनाने वाले है। कैसे एक भूत ने डर के मरे हल जाते। 

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मैं अपने मौसेरे भाई की यह कहानी सुनकर हंसने लगा कि वाह क्या बात है। जंगल का भूत जो लोगों को गायब कर दे। हाहाहा….

दूसरी घटना है जब में बेंगलूर के किसी दूसरे कमरे में रहता था तब की। उस बिल्डिंग में जाते रास्ते में एक ब्रिज था जहाँ कहा जाता था कि बहुत लोगों ने आत्महत्या कर ली थी और वहाँ आत्माओं का संचार था। मैं वहाँ से हमेशा चलते हुवे अपने बिल्डिंग में जाता था। भूत प्रेत भयानक अनुभव तो नहीं होती थी लेकिन जब चिकन , मटन और मछली घर लाता तो वह अच्छी ही नहीं होती थी। खराब हो जाती थी। इसलिए मैंने उस मकान वालों से जाके झगड़ा किया था कि वे लोग मुझे खराब माँस मछली देते थे।लेकिन वहाँ के सारे कस्टमर्स बोलने लगे कि वहाँ अच्छी मांस मछली मिलती थी।

एक दिन, रात के समय जब सभी बच्चे खेल रहे थे, राजू ने सोचा कि उसे उस हवेली में ले जाना चाहिए जहाँ उसने वह बच्चा पहले बार देखा था। राजू ने अपने दोस्तों को साथ लेकर हवेली की ओर बढ़ते हुए कहा, “हमें देखना चाहिए कि कौन रो रहा है और क्यों?”

कहानियाँ बचपन का एक खूबसूरत हिस्सा हैं । बच्चों के रूप में, हमने साहस, रोमांच और मस्ती की उन सभी अद्भुत कहानियों को जीया है, जो हमारे माता-पिता और दादा-दादी ने हमें बताई हैं। अब माता-पिता के रूप में, आप अपने बच्चों को किस्से सुनाना पसंद करेंगे 

जब उस महिला का पति आता है, तो वह पहलवान को देखा आश्चर्य में सोचने लगता है कि यह व्यक्ति कौन है? 

मां ने उसकी बातों पर बिल्कुल गौर नहीं किया और उस बात को हंसी में टाल दिया। कुछ ही देर में वो अपनी बेटी के मामा यानी अपने click here भाई के घर पहुंच गई। एक-दो दिन बाद मामा जी के घर के आसपास ही बच्ची के अंदर घुसी मोहिनी को अपनी पड़ोसन सिमरन दिखी। उसने जोर से उसे नाम से पुकारा।

पहलवान भूतों काडटकर सामना करता है। किसी भूत का सर फटा हुआ था, किसी भूत का हाथ टूटा हुआ था, किसी का पैर टूटा हुआ था, सभी भूत लाइन से खड़े हुए थे। और माफी पहलवान से माफी मांगने लग रहे थे। 

उसी रात, राजू ने खिलौना अपने सोने के समय के लिए उठा लिया। खिलौना जैसे ही उठा, उसमें वही सुरीली म्यूजिक और रंगत आई जो रात को होती थी। राजू का दिल खुशी से भर गया, और उसने उस सुरीली म्यूजिक के साथ अपने सपनों की दुनिया में सफर करना शुरू किया।

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